चंडीगढ़ः प्रदेश के गांवों के समुचित विकास के लिए सांसदों, विधायकों और अधिकारियों के गांव गोद लेने की योजना के बाद अब प्रदेश सरकार ने नया फार्मूला बनाया है। जिसके तहत अब गांवों के विकास के लिए युवा स्वयं सेवकों की टीम को तैयार किया जायेगा। जिसमें हर गांव में दस से पंद्रह युवकों को सरकार ग्रामीण विकास के लिए इस परियोजना से जोड़ेगी। ये जानकारी प्रदेश के कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फेंस में दी। इन युवकों को एक हफ्ते की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इस परियोजना की शुरुआत सीएम मनोहर लाल खट्टर 12 जनवरी स्वामी विवेकानन्द जयंती पर झज्जर जिले के हसनपुर से करेंगे।

तो वहीं, कृषि मंत्री ने कहा कि इस वक्त प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। बल्कि कुछ लोगों की ओर से अपने फायदे के लिए आर्टीफीशियल कमी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों पंजाब, राजस्थान और यूपी में खाद के ज्यादा दाम होने के कारण हरियाणा से गैरकानूनी रुप से खाद वहां जा रही है। इसीलिए अगले साल से प्रदेश सरकार किसानों को क्रेडिट कार्ड या पास बुकों के जरिए ही खाद देगी।

दरअसल, गांवों के विकास के लिए सरकार पहले से करोड़ों रुपए खर्च करती आ रही है। लेकिन उतना पैसा विकास कार्यों पर खर्च नहीं होता जितना सरकार जारी करती है। ऐसे में अब प्रदेश सरकार का यही कोशिश है कि युवा स्वयं सेवकों टीम के जरिए विकास कार्यों पर नजर रखी जाऐ, ताकि गांवों का सम्पूर्ण विकास हो सके।

 

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