डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फिल्म मेसेंजर ऑफ गॉड (MSG) को मंजूरी के मुद्दे पर फिल्म सेंसर बोर्ड ने सरकार के खिलाफ बगावत कर दी है। बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन के समर्थन में नौ सदस्यों ने सूचना प्रसारण मंत्रालय को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इन सभी सदस्यों ने एक ही चिट्ठी में सामूहिक इस्तीफा भेजा है। इससे पहले शुक्रवार को लीला सैमसन ने सरकार पर सेंसर बोर्ड के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने दखल देने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि अगर ऐसा है तो लीला सैमसन को सबूत देना चाहिए।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सेंसर बोर्ड के जिन सदस्यों ने शुक्रवार देर रात इस्तीफा भेजा है, उनमें केसी शेखर बाबू, कांग्रेस कार्यसमिति में सचिव पंकज शर्मा, शाजी करुण, ममंग दई, इरा भास्कर, टीवी पत्रकार राजीव मसंद, फिल्म एक्ट्रेस अरुंधति नाग, एम के रैना और निखिल अल्वा शामिल हैं।
सैमसन ने शुक्रवार को ईमेल और पत्र से अपना इस्तीफा सूचना प्रसारण मंत्रालय को भेजा था। सैमसन ने इस्तीफे की वजह MSG को नहीं बताया लेकिन कहा कि एक सीईओ के जरिए मंत्रालय के सेंसर बोर्ड में दखल के हालिया मामलों और पैनल के भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से मैंने हटने का फैसला किया है। सेंसर बोर्ड की एक मेंबर नंदिनी सरदेसाई ने लीला का समर्थन करते हुए कहा कि बर्दाश्त की भी हद होती है। नंदिनी ने कहा,’सभी बोर्ड सदस्यों ने MSG देखकर इसे रिलीज के लिए मंजूर न करने का फैसला किया था। इसके बावजूद 2 लोगों के ट्रिब्यूनल ने 24 घंटे में उसे हरी झंडी दे दी, जबकि इसमें एक महीना लगता है। मेरा मानना है कि इसी वजह से लीला नाराज हुईं।’