घरौंडाः प्रदेश के किसान अब फसलों के अलावा अपने खेतों में फूलों की खेती करके भी मुनाफा कमा सकते हैं। सब्जी उत्कृष्टता केंद्र के हाईटेक फ्लोरीकल्चर हाउस में नये फूल जरबेरा की सफल खेती की गई है। फूल विशेषज्ञों का दावा है कि जरबेरा की खेती परम्परागत खेती की तुलना में किसानों को अच्छा मुनाफा दे सकती है।
किसानों का रूझान फूलों की खेती की ओर बढ़ाने के लिए घरौंडा सब्जी उत्कृष्टता केंद्र के हाईटेक फ्लोरीकल्चर हाउस में फूलों की खेती की जा रही है। शादी समारोह में सजावट के लिए भारी मात्रा में प्रयोग होने वाले जरबेरा फूल की बाजारों में अच्छी मांग बनी रहती है। 36 महीने की इस फसल से किसान लाखों का मुनाफा कमा सकते है। इसके लिए प्रदेश सरकार किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान मुहैया करवा रही है। प्लांटेशन के लिए जरबेरा के पौधे पूना या बंगलौर से मंगवाए जाते है जो कि टिश्यू कल्चर विधि से लैबोरेट्री में तैयार किए जाते हैं।
जरबेरा के एक पौधे की कीमत 30 रुपये तक होती है। फूल विशेषज्ञ डॉ० भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जरबेरा की खेती प्लांट लगाने के बाद मात्र 6 हफ्तों में ही फूल देने शुरू कर देती है और एक साल में एक पौधे से औसतन 30 से 40 फूल प्राप्त होते हैं।
जरबेरा की खेती के लिए 12 डिग्री से 26 डिग्री तक तापमान की आवश्यकता होती है। अगर तापमान कम हुआ तो बीमारी आनी शुरू हो जाती है अगर ज्यादा हुआ तो बीमारियां बढ़ती चली जाती है। इन बीमारियों से बचाने के लिए पोली हाउसों का प्रयोग किया जाता है। जिससे बीमारियां कम होती है।
जरबेरा की खेती का रूझान हरियाणा के किसानों में काफी बढ़ा है और कई किसान इससे लाभ कमा रहे हैं। जरबेरा की खेती को मात्र 500 स्क्वायर मीटर में भी किया जा सकता है।