पिहोवाः अध्यापकों की कमी के चलते भेरियां फूलगढ़ के सरकारी स्कूल पर ताला लटक गया है। इससे नौवीं व 11वीं के बच्चों के भविष्य पर सकंट मंडरा रहा है। ये बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते थे। लेकिन शिक्षा विभाग डेपुटेशन रद्द होने के नियमों का हवाला देकर अपना पीछा छुड़ा रहा है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में गांव भेरियां की पंचायत की मांग पर सरकार ने  गांव के मिडल स्कूल को सीनियर सेकेंडरी बनाने की घोषणा की थी। उस समय पंचायत के सहयोग से नौवीं से 12वीं के लिए बिल्डिंग शिक्षा विभाग को मुहैया करवाई गई थी। लेकिन अध्यापकों की पोस्ट सैंक्शन नहीं होने के कारण यहां विभाग ने डेपुटेशन पर इतिहास, अंग्रेजी, हिंदी, अर्थ शास्त्र सहित कई विषयों के अध्यापक नियुक्त किए थे। लेकिन नई सरकार के कार्यकाल में शिक्षा विभाग ने सभी डेपुटेशन रद्द कर दी।

जिसके चलते 20 जनवरी को स्कूल के सभी अध्यापक यहां से वापस चले गए और स्कूल पर ताला लग गया है। विभाग ने इस स्कूल के नौवीं व 11वीं के बच्चों को मिडल स्कूल की बिल्डिंग में ही शिफ्ट कर दिया और छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने वाले दो अध्यापकों पर इन बच्चों को भी पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। मिडल स्कूल में पहले ही हैड टीचर बलदेव सहित संस्कृत के सतबीर शास्त्री और इतिहास के हरविंद्र सिंह सहित कुल तीन अध्यापक हैं। हेड टीचर अकसर दफ्तर के कार्यों के चलते व्यस्त रहते हैं और शेष दो टीचर छठी से आठवीं तक के लगभग 90 बच्चों को संभालते हैं।

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