जुलाना के देशखेड़ा गांव की आबादी महज 1400 है,  लेकिन, इस गांव में मुर्राह नस्ल की भैसों की तादाद 750 के करीब है। ये गांव भैंसों की स्वस्थ नस्ल के लिए काफी मशहूर है। मुर्राह के लिए गांववालों का लगाव ही है कि गांव में कई मुर्राह ऐसी हैं जो बीस लीटर से ज्यादा दूध देती है। इसी वजह से इन भैंसों की कीमत भी काफी लगती है। दूसरे प्रदेशों के व्यापारी, यहां से भैंस खरीदकर ले जाते हैं। कीमत की बात की जाए तो 6 लाख रूपये से लेकर 11 लाख रूपये तक भी भैंसों की कीमत लग चुकी है। गांववालों की आमदनी का बड़ा हिस्सा भी मुर्राह के व्यापार और दूध से आता है। प्रदेश सरकार भी मुर्राह के लिए इस गांव के लगाव को समझती है। और यही वजह कि पशुपालन विभाग की ओर से गांव में साल में दो बार दूग्ध प्रतियोगिता करवाई जाती है। गांववालों में इसको लेकर काफी उत्साह होता है।

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