जितनी हरी सब्जी उतनी ही जहरीली और जितना लाल रंग व मीठा तरबूज वो उतना ही खतरनाक… क्योंकि इन सब्जियों को रंग व जल्द पकाने के लिए इन पर ओक्सीटोसीन के इंजेक्शन लगाए जाते है।  दरअसल ये इंजेक्शन लगाने के मात्र 24 घंटे में ही सब्जी पककर तैयार हो जाती है। मात्र चंद रुपए कमाने की खातिर सब्जी उगाने वाले लोग टीकों का इस्तेमाल कर ये बीमारी हम तक बांटने का काम करतें है।  मोटे मुनाफे की खातिर ये लोग इंजेक्शन लगाकर रातों-रात सब्जी को तैयार कर देते हैं। दराअस्ल उत्तर प्रदेश से आए इन लोगों का कहना है  की वे गरीबी की वजह से एसे काम को अंजाम देते है और एक डेढ महिने के सीजन में ही उन्हें काफी लंबा सोचना होता है इसके लिए वो भी चाहते है कि रातों रात उनकी सब्जी तरोताजा होकर मंडियों में पहुंच जाए।   हांलाकि इस मामले में डाक्टरों का कहना है कि ओक्सीटोसीन का इंजेक्शन भैसों को लगाया जाता है। लेकिन अगर किसी इंसान को लगा दिया जाए तो  ये उसके आंख, कान और दिल-दिमाग पर असल डालता है।सवाल ये उठता है कि हम सुरक्षित कहीं भी नहीं है… हमें हर जगह जहर ही मिल रहा है। हरी सब्जियां जिनका सेवन हमें ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए वो भी अब जहरीले इंजेक्शनों का शिकार हो रही है। ऐसे में जो आखिरी इलाज बचता है वो ये कि हमें खुद के घर में सब्जिया उगाकर बाहरी सब्जियों के प्रयोग से बचना होगा।

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