25 जून को उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर क्रेश में शहीद हुए चरखी दादरी के दुधवा गांव के सतीश का पार्थिव शरीर आज गांव में लाया गया। कई राजनेताओं और आसपास के गांवों के सैंकड़ों लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। दूसरी तरफ सतीश की मां को भी अपने लाडले की कुर्बानी पर गर्व है… मां की आंखों में बेटे को खो देने के आंसू और चेहरे पर फक्र था। शहीद सतीश की पत्नी सुशीला भी अपने पति की कुर्बानी को देश सेवा बताया। वहीं बेटी सुमन के सीने में पिता को खो देने का दुख तो जरुर था लेकिन देश के लिए दी गई बलिदानी पर गर्व भी। सतीश का मंगलवार को गांव में ही पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद को आखिरी बार देखने के लिए आस पास के गांवों से सैंकड़ों की तादाद में लोग पहुंचे थे। परिजनों के साथ-साथ गांव के लोग भी अपने लाडले की शहीदी पर गर्व महसूस कर रहे थे। हो भी क्यों ना… देश सेवा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर सतीश ने अपना और गांव का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करवाया।

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