हथीन के गांव मंगोरका का वाटर सप्लाई केन्द्र खंडर बन गया यहां ना तो कोई कर्मचारी आता है और ना ही कभी गांव वालों के लिए कोई पानी स्पलाई होता है। लिहाजा लोग इस केन्द्र को गोबर के उपले बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। भले ही इस जलघर से पानी की सप्लाई बंद हो गई हो, लेकिन प्रशासन की फाइलो में ये पानी की सप्लाई अब भी चल रही है। गांव के लोग पानी की एक एक बूंद को तरस रहे हैं वही कर्मचारी हैं कि इसकी सुध तक लेने नहीं आते। जलघर की इमारत पर पिछले कई सालों से ताला लगा हुआ है। पानी को इक्कट्टा करने के लिए बनाया गया तालाब भी सूख गया है जो अब जानवरों का आशियाना बन गई है। लोगों का कहना है कि यहां ना तो कोई कर्मचारी आता है और ना ही पानी। वंही जब इस बारे में जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता जनक राज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि गांव में पानी की सप्लाई तो जारी है लेकिन रास्ते में किये गये अवैध कनैक्शनों से गांव मंगोरका तक पानी नही पहुंच पा रहा है। कार्यकारी अभियंता चाहे कुछ भी कहें लेकिन खंडर बना ये केन्द्र अब पानी स्पलाई के काम तो नहीं आता… हां लोग इसे घरेलू कामकाज़ के लिए ज़रूर इस्तेमाल करतेहैं।