विकास के मामले में पिछड़ा बताए जाने वाले मेवात में मेडिकल सुविधाओं का भी ये हाल है। मामला सामने आया है मेवात के पिनगवां से। दरअसल मोहम्मदपुर गांव के रहने वाले शहाबुद्दीन की बेटी को बुखार था… जिसके बाद उसे पिनगवां के सरकारी अस्पताल में लाया गया लेकिन वहां कई घंटे इंतजार करने के बाद भी डॉक्टर साहब नहीं पहुंचे। इसके बाद वक्त से मजबूर परिवार ढाई साल की मासूम को एक झोलाछाप डॉक्टर के पास लेकर गया। जहां उस डॉक्टर ने बच्ची को बुखार का इंजेक्शन लगाया। लेकिन कुछ देर बाद मासूम एक पैर से लंगड़ा कर चलने लगी। उधर जब डॉक्टर साहब से उनके लेट आने और इलाज में देरी का कारण पूछा तो उन्होने ए वन तहलका की टीम को बाहर जाने का आदेश सुना दिया। अब मासूम का एक पैर खो देने के बाद से परिजन गुस्से में है। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर्स के ढीले रवैये की वजह से उनकी बेटी आज विकलांग हुई है… और उसके इलाज के लिए उन्हे दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। ऐसे में जरुरत है कि स्वास्थ्य विभाग इस और ध्यान दें ताकि किसी और को इस तरह की लापरवाही का सामना ना करना पड़ा।