नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने विदेशी बैंकों में धन जमा करने वाले तीन कारोबारियों के नाम सुप्रीम कोर्ट को बता दिए हैं। हलफनामे के जरिए कोर्ट को सौंपे गए तीन नामों में डाबर कंपनी के पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रदीप बर्मन भी शामिल हैं। बर्मन के अलावा कारोबारी पंकज चिमनलाल लोढिया और टिम्बलू प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक राधा सतीश टिम्ब्लू का भी नाम है।

सोमवार को सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में जमा हलफनामे के बाद ये तीन विदेशी खाताधारक चर्चा में आ गए। कालेधन के मुद्दे पर सरकार ने तीनों को लेकर एक हलफनामा दायर किया। हलफनामे के मुताबिक सरकार अवैध धन जमा करने वालों का नाम जाहिर करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन सभी नाम कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह पालन करने और टैक्स कानून का उल्लंघन साबित होने के बाद ही जाहिर किए जाएंगे। तीनों संदिग्धों के खिलाफ धारा 276 सी (1) और 277 आईटी एक्ट 1961 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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हलफनामे में सरकार की तरफ से इन नामों के स्रोत की जानकारी भी दी गई। हलफनामे के मुताबिक प्रदीप बर्मन का नाम फ्रांस सरकार से मिली जानकारी पर आधारित है, जबकि राधा टिम्ब्लू और पंकज चमनलाल लोढिया के नाम दूसरी सरकारों से मिली सूचना के आधार पर हैं।

डाबर समूह के मालिक बर्मन परिवार ने अपनी सफाई में कहा कि बर्मन परिवार कारोबार को लेकर हर स्तर पर ऊंचे आदर्श और पारदर्शी व्यवहार को बढ़ावा देता है। हम कहना चाहते हैं कि जब ये खाता खोला गया था, तब वे एनआरआई थे और इसके लिए कानूनी इजाजत ली गई थी। हमने इस खाते से जुड़ी सारी कानूनी कार्रवाई स्वेच्छा से पूरी की है। साथ ही इनकम टैक्स विभाग में नियम के मुताबिक टैक्स भी भरा गया है। लिहाजा ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि विदेशी बैंकों में खाता रखने वाले सारे लोगों को एक ही ब्रश से पेंट किया जा रहा है।

वहीं गुजरात के बड़े कारोबारी ने स्विस बैंक खाता होने से ही साफ इनकार किया। गोवा की कारोबारी ने भी हैरत जताई। पंकज लोढ़िया ने कहा कि मेरा कोई स्विस एकाउंट नहीं हैI आप लोग बोल रहे हैं तो मुझे पता चल रहा है। हमने पहले ही सब कुछ घोषित किया हुआ है। आज आप लोग बता रहे हैं तो पता चला है।

सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल एक मई को दिए आदेश में सभी नामों का खुलासा करने को कहा था। इस पर सरकार ने अदालत से अपनी बेबसी जताई और कहा कि अंतरराष्ट्रीय संधियों के मुताबिक मुकदमा दर्ज होने से पहले इन नामों को उजागर नहीं किया जा सकता। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से ये भी कहा है कि स्विट्जरलैंड सरकार ने काले धन से जुड़े ऐसे मामलों में जिनमें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच पूरी हो गई है, सहयोग करने का भरोसा दिया है।

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