खरखौदा के किसान इस बार धान के कम मूल्य मिलने से किसान बेहद निराश और हताश हैं साथ ही किसानों को पिछली सरकार की याद भी सताने लगी है। किसानों का कहना है कि इस बार सरकार किसानों को लागत मूल्य के हिसाब से भी पैसे नहीं दे रही है। ऐसे में किसानों के अच्छे दिन आना तो दूर बल्कि उन्हें गुजर-बसर करने के भी लाले पड़े गये हैं।

 

खरखौदा की अनाज मंडी में इन दिनों किसान अपनी फसल तो लेकर आ रहे हैं लेकिन ना तो किसानों को धान के दाम ही सही मिल रहे हैं और ना ही बिकवाली हो रही है वहीं, किसान इस बात से भी मायूस है कि प्रदेश सरकार उनकी परेशानी की तरफ से आंखे मूंदे बैठी है।किसानों का कहना है की पिछली सरकार में 4500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से धान बिकी थी।

विधानसभा से लेकर प्रदेश की मंडियों तक इन दिनों कम धान का मुद्दा गर्माया हुआ है और किसान बस यही चाहते हैं कि धान के दामों में प्रदेश सरकार अगर बढ़ोतरी नहीं करती, तो कम से कम पिछली सरकार जो रेट उन्हें दे रही थी वहीं, रेट किसानों को दिया जाए जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ ना पड़े।

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