गुड़गांव के नामी अस्पताल मेदांता के पांच डॉक्टर्स के खिलाफ इलाज में लापरवाही से मौत के आरोप में मामला दर्ज हुआ है। उत्तराखंड के रूद्रपुर में रहने वाले पंकज अरोड़ा ने बताया कि उसने अपने नौ साल के बेटे यश का इस अस्पताल में लीवर ट्रांसप्लांट करवाया था। यश को उनकी मां ने लीवर डोनेट किया था। 27 अक्टूबर से लेकर 24 जुलाई तक चार बार यश को यहां एडमिट किया गया। डॉ़ नीलम मोहन, डॉ़ परमानंद कुल्हाड़ी, डॉ़ निश्चित शर्मा, डॉ़ ए.एस. सोयन, डॉ. के. दुबे के और लीवर ट्रांसप्लांट की टीम ने यश का ऑपरेशन किया था। लेकिन 30 जुलाई, 2011 को यश की मौत हो गई। परिजनों का आरोप था कि डॉक्टरों की लापरवाही के चलते ये मौत हुई।

यश के पिता ने इस बारे में पुलिस को भी शिकायत दी थी। लेकिन डॉक्टरों के रसूख के चलते केस दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद पंकज अरोड़ा ने कोर्ट का सहारा लिया। अब कोर्ट ने पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने पांच डॉक्टरों, ट्रांसप्लांट टीम और अस्पताल को आरोपी बनाया है।

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