संत रामपाल के कोर्ट में पेश ना होने पर अब सियासी बहस भी शुरू हो गई है। सोमवार को प्रदेश के कई नेताओं ने संत रामपाल के पेशी को लेकर बयान दिए औऱ कहा कि रामपाल को कोर्ट पेश होना चाहिए कोई भी इंसान कानून से उपर नही है। कोर्ट की अवमानना के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक संत रामपाल को 10 नवंबर को हाईकोर्ट में पेश किया जाना था।
रामपाल की गिरफ्तारी को लेकर दिन भर तमाम अटकलें लगती रहीं, कभी रामपाल के बीमार होने की खबर तो कभी बरवाला आश्रम में पुलिस औऱ संत रामपाल के समर्थकों के बीच तनाव का माहौल। प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भी पूरी तरह से तैयार रहा लेकिन एक बार फिर संत रामपाल कोर्ट में पेश नही हुए। इस खबर के बाद रामपाल को लेकर सियासी बहस भी शुरू हो गई है।
विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि संत रामपाल लोगों के लिए लोगों के लिए आदर्श हैं ऐसे में उन्हें अदालत में खुद पेश होकर जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी। वहीं कांग्रेस विधायक रणदीप सुरजेवाला ने भी कहा कि कानून का सभी को पालन करना चाहिए।
उधर हाईकोर्ट ने संत रामपाल की गिरफ्तारी के लिए एक बार फिर गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने संत रामपाल को 17 नवंबर तक कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में अब जहां संत रामपाल के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं वही संत रामपाल की गिरफ्तारी औऱ रामपाल के समर्थकों से निपटना पुलिस प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती है।