विश्व में एड्स की रोकथाम के लिए अलग अलग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लेकिन फरीदाबाद में एड्स के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है।  अकेले फरीदाबाद में पिछले दस महीनों में एड्स के 141 मामले पोजिटिव पाए गए हैं। इतनी संख्या में एड्स के मामले सामने आना जागरूकता अभियान पर कई सवाल खड़े करता है।

hivसरकारी डॉक्टरों की मानें तो एड्स के प्रति जनता में जागरुकता बढ़ी है। लेकिन आंकड़ों पर नजर डालें तो एड्स से बचने के लिए जागरूकता और अभियान दोनों के दावे झूठे दिखाई पड़ते हैं।

एड्स के फैलने का एक बड़ा कारण जनता में जागरुकता का ना होना है। आज भी बहुत से लोग इस जानलेवा बीमारी के प्रति चिंतित दिखाई नहीं देते। ऐसे लोगों में ज्यादातर वो लोग शामिल हैं जो मजदूर तबके से संबंध रखते हैं या ड्राइविंग आदि का काम करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक ट्रक ड्राइवर इस बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं।

कहने को तो एड्स दिवस पर विश्वभर में एड्स से बचने के लिए जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं। लेकिन इनकी फरीदाबाद जैसे शहर के आंकड़े खोल कर रख देते हैं। एड्स बीमारी आज की बड़ी चुनौतियों में से एक है। ऐसे में एड्स के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरुक करने की जरूरत है। खासकर उस तबके को जो इसका शिकार सबसे ज्यादा होता है।

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