पीजीआई रोहतक में बुधवार रात को कैंसर के एक मरीज की मौत हो गर्इ। मरीज के परिजनों ने डॉक्‍टर्स पर कई आरोप लगाए हैं। परिजनों का आरोप है कि एक डॉक्‍टर ने मरीज से मारपीट और मरीज की पत्‍नी से बदसलूकी भी की। पीजीआई रोहतक में हुई एक मरीज की मौत ने पीजीआई के सर्जरी डिपार्टमेंट पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल यहां कैंसर के एक मरीज का इलाज चल रहा था और मरीज का कीमियोथेरेपी हुआ था। लेकिन बुधवार रात उसकी मौत हो गई। मरीज के तीमारदारों ने डॉक्‍टर्स पर कई आरोप लगाए हैं।

आरोप नंबर- एक

मरीज तड़पता रहा,,, नर्स देखती रही। तीमारदारों के कहने के बावजूद नर्स ने कहा कि कीमियोथेरेपी में ऐसा ही होता है।

आरोप नंबर- दो

दूसरा आरोप बेहद संगीन है। मरीज के बेटे का आरोप है कि मरीज को देखने आए डॉक्‍टर अंशुल ने मरीज के साथ मारपीट की। इतना ही नहीं उसने मरीज की पत्‍नी के साथ भी बदसलूकी की।

आरोप नंबर-तीन

तीसरा आरोप सर्जरी विभाग के हेड डॉक्‍टर कड़वासरा पर है। मृतक के बेटे के मुताबिक डॉक्‍टर कड़वासरा ने दो बार कीमियोथेरेपी की दवाइयों के लिए 20 -20 हजार रूपये लिए। और कोई रसीद नहीं दी।

आरोप नंबर-4

चौथा आरोप ये है कि डॉक्‍टर कड़वासरा ने ऑपरेशन के लिए एक लाख पचीस हजार रूपये की मांग की थी।

पांचवां आरोप ये है कि डॉक्‍टर कड़वासरा बार-बार प्राइवेट फीस की मांग करते थे।

 पीजीआई प्रशासन के मुताबिक अगर पीजीआई में कीमियोथेरेपी की दवा नहीं होती है तो दवा मरीज के तीमारदारों को ही लानी होती है,, डॉक्‍टर दवा के पैसे नहीं ले सकता।

उधर डॉक्‍टर्स ने भी मरीज के तीमारदारों पर बदसलूकी के आरोप लगाए हैं।

फिलहाल शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया गया है और दोनों पक्षों के आरोपों की जांच जारी है और अब जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि क्‍या वाकई में धरती के भगवान अब बदल गए हैं। और क्‍या सरकारी अस्‍पताल में मुफ्त इलाज का दावा बस दावा ही रह गया है।

 

 

 

 

 

 

 

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