हरियाणा सरकार ने निजी स्कूलों को निर्देश दिए हैं की वे ३१ मार्च से पहले मान्यता ले लें. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है साथ ही सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं की वे सैल्फ सर्टिफिकेशन भी लें. ३१ मार्च तक मान्यता ना लेने वाले स्कूलों पर सरकार सख्ती कर सकती है और उन्हें बंद किया जा सकता है. सरकार ने साफ़ किया है की जो निजी स्कुल शिक्षा के अधिकार को अपने यहाँ लागु नहीं करेंगे उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। हरियाणा में चल रहे हजारों निजी स्कूलों ने सरकार के लगातार निर्देशों के बावजूद भी मान्यता नहीं ली है. ज्यादातर स्कुल ऐसे हैं जिन्होंने इसके लिए आवेदन भी नहीं किया है. लगभग तीन साल पहले लागु  हुए शिक्षा के अधिकार के बाद सभी निजी स्कूलों के लिए यह जरुरी था की वे ३१ मार्च २०११ तक सभी नोर्म्स को पूरा करके मान्यता ले. लेकिन निजी स्कूलों ने इसकी परवाह नहीं की . सरकार ने लगातार दो साल तक अपनी तरफ से समय सीमा बधाई अपर हालत नहीं बदले. हैरानी इस बात की है की २०११ तो छोडिये २०१३ भी आ गया और आखिरी  तारीख ३१ मार्च भी लेकिन अभी भी स्कूलों ने मान्यता नहीं ली है. सरकार ने अब अपना रुख कडा कर लिया है और साफ़ कर दिया है की सभी निजी स्कुल शिक्षा के अधिकार के तहत ३१ मार्च से पहले मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन करें। राज्य के शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल मानती हैं की राज्य के निजी स्कूलों को शिक्षा का अधिकार लागू करने में परेशानी हो रही हैं क्यूंकि इसके लागु होने पर सभी निजी स्कूलों को २५ फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए निर्धारित करनी होंगी. भुक्कल ने कहा की शिक्षा का अधिकार किसी भी सूरत में निजी स्कूलों को लागू करना होगा और जो इसे लागू नहीं करेंगे उन्हें बंद कर दिया जाएगा। पिछले हफ्ते राज्य के निजी स्कुल संचालकों के साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल की बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद ही सरकार ने यह तय किया था की सभी निजी स्कुल ३१ मार्च तक मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे और सैल्फ सर्टिफिकेशन लेंगे।

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