गर्मी बेशक कहर बरपा रही हो, लेकिन इसने सरकारी स्कूलों की बदइंतजामी की पोल खोल दी है. मेवात के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में बुरा हाल है, शिक्षक हों या छात्र सब परेशान हैं. बदइंतजामी का आलम ये हैं कि स्कूलों में बिजली फटे हाल है, पंखे शोपीस बने हुए हैं और पीने के पानी तक को जद्दोजहद करनी पड़ती है। गर्मी का सितम और स्कूल की बदइंतजामी का खामियाजी बच्चे भुगत रहे हैं और वो डायरिया के शिकार हो रहे हैं।सरकारी स्कूलों की इस अव्यवस्था से शिक्षक भी परेशान हैं. पीने के पानी के लिए मटकों का इंतजाम किया गया है, लेकिन सैंकड़ों बच्चों की लिहाज से ये ऊंट के मुहं में जीरा ही साबित हो रहा है। बढ़ती गर्मी और स्कूलों के ऐसे हालात की वजह से अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं, लिहाजा स्कूल में पहुंचने वाले बच्चों की संख्या पर भी असर पड़ा है.।मेवात जिले के करीब चालीस फीसदी स्कूलों में या तो बिजली के कनैक्शन नहीं है और अगर हैं भी तो वहां बिजली आती नहीं है. पीने के पानी का भी कुछ ऐसा ही हाल है. बच्चे और शिक्षक दोनों ही इंतजार कर रहे हैं तो बस छुट्टियों का।

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